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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 26 Aug 2021 5:05 pm IST


कैप्टन बनाम सिद्धू - कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील


पंजाब में कांग्रेस का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ कुछ दिनों के अंतराल पर कैप्टन और सिद्धू के बीच किसी ना किसी बात को लेकर बात बिगड़ ही जाती है. पिछले ही हफ्ते कैप्टन और सिद्धू के बीच मुलाकात हुई थी और लगा था कि बात बन गई है..कैप्टन और सिद्धु की मुलाकात में यह तय हुआ था कि 10 सदस्यों की एक पॉलिसी कोर्डिनेशन कमिटी बनेगी जिस पर कैप्टन राजी हुए साथ ही यह भी तय हुआ कि पंजाब के मंत्री एक तय समय और तय दिन पर कांग्रेस भवन में बैठेगें जिससे कि बाकी विधायक वहां आ कर अपनी बात कह सकें और अपने क्षेत्रों की समस्याओं पर मंत्री से जानकारी ले सकें और अपनी सलाह दे सकें मगर इसके कुछ दिनों बाद ही कैप्टन और सिद्धू कैंप से बयानबाजी होने लगी.

हुआ ये कि सिद्धू के दो सलाहकारों के तरफ से कुछ ऐसे बयान आए जो काफी लोगों को नागवार गुजरे. कई लोगों ने इसे कथित रूप से राष्ट्र विरोधी और पाकिस्ताना के सर्मथन वाली टिप्पणी माना. यहां तक कि कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने पूछा कि क्या ऐसे लोगों को कांग्रेस में रहना चाहिएचाहिए..आखिरकार कौन हैं सिद्धू के सलाहकार. पहले तो लोगों को मालुम ही नहीं था कि सिद्धू के कोई सलाहकार भी है. लोगों को बस इतना मालुम था कि उनके पास 4 कार्यकारी अध्यक्ष है. खैर सिद्धू के सलाहकारों का नाम है मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग अब इनके बयान के बाद सिद्धू खेमा थोड़ा बैकफुट पर होना चाहिए था मगर जैसा क्रिकेट में होता है कि जब सामने वाला थोड़ा हावी होने लगे तो बल्लेबाज फ्रंट फुट पर यानि आगे आकर बल्ला भांजने लगता है.