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• Mon, 29 Jan 2024 3:35 pm IST


राम भक्त सप्तक ,राम से बड़ा राम का भक्त


राम से बड़ा राम का भक्त ।
चार फीट के राम लला हैं
औ’ दस फुट का भक्त ।

जन गण मन में राम समाए
राज पिता का तज वन जाएँ
मगर भक्त सत्ता का लोभी
सपनों में भी तख्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ।। 1 ।।

सदा राम का मन बैरागी
अनासक्त निर्लोभी त्यागी
भक्त मगर तृष्णा में डूबा
हर पल विषयासक्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ॥ 2 ।।

सबके मन की बात करें प्रभु
सबके मन की बात सुनें प्रभु
निज मन की बातें करने में
भक्त मगर है मस्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ॥ 3 ।।

इस तन को प्रभु कपड़ा मानें
सिर्फ आत्मा को पहचानें
ड्रेस बदलने में पर उनका
भक्त बहुत है व्यस्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ॥ 4 ।

प्रभु न स्वर्ग संदेश सुनाते
इसी धरा को स्वर्ग बनाते
मगर भक्त नित नभ में उड़ता
धरा पड़ी परित्यक्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ॥5 ।।

राम सदा निर्बल के बल है
दीनों दुखियों के संबल हैं
यह सबलों का परम मित्र है
दीन दुखी पर सख्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ॥ 6 ।।

राम कहाँ है भव्य भवन में
राम तलाशो अपने मन में
आडंबर में, ताम-झाम में
नहीं गँवाओ वक्त ।
राम से बड़ा राम का भक्त ॥ 7 ।।

चार फीट के राम लला हैं
औ’ दस फुट का भक्त ।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स