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• Mon, 8 Apr 2024 11:26 am IST


ताकि आपका मूड बदस्तूर बेमिसाल बना रहे


अगर आपसे यह पूछा जाए कि आप सुबह उठने से लेकर रात सोने तक जो कुछ भी करते हैं, उस सबके पीछे आपका मकसद क्या रहता है। आप सहज ही कहेंगे कि हम अपनी खुशी के लिए करते हैं। हम अगर खुद को तकलीफ भी देते हैं, तो वह खुशी के लिए ही होता है। कोई जिम में जाकर अगर भारी भरकम वजन उठाने की पीड़ा सहता है, तो वह भी अपनी खुशी के लिए ही करता है। कोई छात्र पूरी एकाग्रता के साथ घंटों तक पढ़ाई करने का कष्टसाध्य काम करता है, तो वह भी अपनी खुशी के लिए ही करता है। हम अगर नौकरी के लिए खून-पसीना एक करते हैं, तो यह भी खुशी के लिए ही करते हैं। पर क्या आप जानते हैं हम किन वजहों से खुश होते हैं? जब तब आपके दिमाग में और आपके गट में खुशी के होर्मोंस रिलीज नहीं होते, आप खुश नहीं हो सकते। इसलिए अगर आपका मकसद खुश होना है, तो आप इन चार होर्मोंस को ठीक से समझ लें कि ये क्या काम करने से रिलीज होते हैं और फिर सुनिश्चित करें कि आप वे सभी कार्य नियमित करते रहें।

सबसे पहला होर्मोन है डोपामीन। इसे फील गुड और रिवॉर्ड होर्मोन भी कहते हैं। जब भी आप अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो उसे हासिल करने पर इनाम के तौर पर आपको यही होर्मोन मिलता है। आप जब भी आनंद देने वाले काम करते हैं, जैसे पसंदीदा भोजलन करना या एक्सरसाइज करते हैं, शॉपिंग करने जाते हैं, संगीत सुनते हैं, तो इन कामों को करते हुए भी दिमाग डोपामीन रिलीज करता है और आपको खुशी जैसी महसूस होती है। आप जो बार-बार मोबाइल देखते हो और किसी पसंद के व्यक्ति का कमेंट पढ़ते हो, लाइक देखते हो, तो भी आपका माइंड डोपामीन रिलीज करता है और आपको अच्छा लगता है। बार-बार आपको अच्छा लगे इसलिए आप बार-बार मोबाइल देखते हो।

दूसरा होर्मोन है सिरोटोनिन, जिसे मूड रेग्युलेट करने वाला होर्मोन भी कहते हैं। ये होमोन लेकिन दिमाग में नहीं हमारी गट यानी आंत में रिलीज होता है। यह हमारे मूड को सही करता है, हमें भविष्य को लेकर उम्मीदों से भरता है और हमारी नींद को भी बेहतर बनाता है। अगर शरीर में सिरोटोनिन कम हो जाए तो हम एंजाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। हेल्दी और संतुलिन भोजन लेने, प्रकृति के बीच लंबे वॉक पर जाने, धूप लेने और ध्यान में बैठने से सिरोटोनिन रिलीज होता है।

तीसरा खुशी का होर्मोन ऑक्सीटोसिन है जिसे प्रेम का होर्मोन भी कहते हैं क्योंकि यह हमें सुरक्षा और सामीप्य की फीलिंग देता है और भरोसे को बढ़ाता है। अगर आप अपने जीवन में खुशी के इस होर्मोन को चाहते हैं तो आपको जीवन में प्रेम को जगह देनी होगी, दोस्तों से अपनत्व को बढ़ाना होगा, करीबियों के गले लगना-लगाना होगा, अपने प्रियजनों का हाथ पकड़ना होगा। आप अपने पालतू जानवरों को जितना प्रेम करेंगे, उतना ऑक्सीटोसिन आपको मिलेगा। जीवन में लंबे समय के लिए खुशी चाहिए, तो आपके लिए यह काम ऑक्सीटोसिन ही करेगा।

खुशी के लिए चौथा जरूरी होर्मोन एडोर्फिंस हैं। इसका काम आपके दर्द को कम करना होता है। एक तरह ये शरीर द्वारा प्राकृतिक तरह से पैदा किए जाने वाला पेनकिलर है। दर्द कम करने के अलावा ये स्ट्रेस को भी कम करते हैं और अच्छा होने की फीलिंग को बढ़ाते भी हैं। अगर आप एक्सरसाइज करते हैं, हंसते हैं, संगीत सुनते हैं और डार्क चॉकलेट खाते हैं, तो ऐसा करके आप अपने शरीर में एंडोर्फिंस को ही बढ़ाते हैं।

अगर आप चारों होर्मोंस को किसी एक एक्टिविटी दकी मदद से रिलीज करना चाहते हैं, तो वह है शारीरिक व्यायाम। ऐसा व्यायाम जिससे आपको शरीर को हिलाना पड़े, पसीना निकले। अगर आप यह सुनिश्चित कर सकें कि रोज सुबह उठने के बाद आप एक-डेढ़ घंटे योग, रनिंग, जिम वर्कआउट आदि जैसे काम करें और शरीर का पसीना निकालें, तो इस तरह आप अपने दिमाग और आंत में खुशी के इन होर्मोंस को रिलीज करवाएंगे और जब खुशी-खुशी आप अपने काम करेंगे, तो काम पर ज्यादा सहजता से फोकस कर पाएंगे जिसके परिणामस्वरूप आपको अच्छे रीजल्ट मिलेंगे और इस तरह एक सकारात्मक घटनाओं का चक्र आपके कदमों के आगे खुलता हुआ आपको एक हेल्दी और हैपी जिंदगी की ओर ले जाएगा। आपका मूड भी बदस्तूर बेमिसाल बना रहेगा।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स