चमोली ( गौचर )। आईएएस प्रशिक्षुओं ने आईटीबीपी आठवीं वाहिनी के कार्यक्षेत्रों के बारे में जाना। प्रशिक्षुओं ने वाहिनी के अधिकारियों और जवानों के साथ साहसिक अभ्यास, आपदा प्रबंधन, ट्रैकिंग आदि गतिविधियों में हिस्सा लेकर सीमांत गांवों के सामाजिक व सांस्कृतिक परिवेश का अध्ययन किया।लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में प्रशिक्षणरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षुओं का एक दल बीस से तीस सितंबर तक आईटीबीपी आठवीं वाहिनी के कार्यक्षेत्र में भ्रमण पर रहा। वाहिनी के कमांडेंट वीरेंद्र सिंह रावत ने उनका नेतृत्व किया। मलारी, गमसाली, रिमखिम व गेल्डूंग की अग्रिम सीमा चौकियों पर पहुंचकर प्रशिक्षु वहां ड्यूटी पर तैनात जवानों से रूबरू हुए और बदरीनाथ तथा नीति घाटी पहुंचकर अमृत गंगा ट्रैक पर ट्रेकिंग की। साथ ही लोगों से मुलाकात कर उनके रहन-सहन, संस्कृति और भौगोलिक परिवेश की जानकारी हासिल की। प्रशिक्षण के अंतिम दिन वाहिनी परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। इस मौके पर कमांडेंट वीरेंद्र सिंह रावत, उप सेनानी मनोज शाह, वाहिनी के चिकित्साधिकारी डाॅ. देवेश चौधरी, सहायक सेनानी सतीश कुमार आदि मौजूद थे।