वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार पांचवां बजट पेश करेंगी। वैश्विक अवरोधों के कारण अर्थव्यवस्था की धीमी गति के बीच मिडिल क्लास को वित्त मंत्री से खासा उम्मीदें हैं।
जाहिर है बढ़ती मंहगाई और घटती आमदनी के बीच वित्त मंत्री को कुछ खास क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी, तब उनके सामने आम लोगों की कर कटौती और सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने की अपेक्षाओं को पूरा करने के साथ राजकोष की हालत को संभालना बड़ी परीक्षा होगी।
इसी के साथ उन्हें अगले आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर बजट पेश करना होगा। आज वित्त मंत्री सीतारमण अपना लगातार पांचवां बजट पेश करेंगी। उन्हें महंगाई दर के लक्ष्य के नीचे आने और कर संग्रह में उछाल का फायदा मिल सकता है। इस कमाई को स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अलावा छोटे उद्योगों जैसे सेक्टर पर खर्च किया जा सकता है ताकि नए रोजगार पैदा हो सके।
दरअसल, साल 2023-24 का बजट कोविड और वैश्विक भूराजनीतिक बदलावों के बाद का पहला सामान्य बजट है। इस बजट में एक तरफ वित्त मंत्री को मध्य अवधि में ऊंची लेकिन स्थायी विकास दर बनाना और दूसरी तरफ वित्तीय घाटे में प्रभावी कमी के साथ वित्तीय विश्वसनीयता भी बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।