दशहरा का पर्व अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर असत्य पर सत्य को विजय दिलाई थी, इसलिए त्रेताकाल से आज तक इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। दस सिर के वरदान वाले रावण के अंत की वजह से ही इसे कहीं दशहरा तो कहीं दसहारा भी कहा जाता है। चलिए जानते दशहरे पर बन रहे शुभ योग और मुहूर्त के बारे में पूरी जानकारी।
ये हैं तीन अति शुभ योग
इस वर्ष विजयदशमी पर तीन बेहद खास और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ये तीनों शुभ योग रवि, सुकर्मा और धृति हैं, जो इस दिन को महत्वशाली बना रहे हैं। इस योग में पूजा-पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा। इस दिन किसी भी चीज की खरीददारी करना लाभप्रद रहेगा। वहीं, लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है।
इस दिन है दशहरा
दशहरा इस वर्ष 5 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन शुक्ल दशमी तिथि 4 अक्टबूर 2022 मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी। जोकि अगले दिन यानी 5 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजे तक रहेगी। वहीं, विजय मुहूर्त 4 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 5 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक रहेगा।
क्यों मनाया जाता है दशहरा
दशहरे के पावन पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण का पुतला जलाकर भगवान श्रीराम की लंकापति रावण पर जीत की खुशी मनाई जाती है। यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है। वहीं, इस दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा ने 9 दिनों तक असुरों के स्वामी महिषासुर से युद्ध किया था। दशमी के दिन मां ने उस असुर का वध कर विजय प्राप्त की थी।